Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 22
________________ । २१ ) तामिउहीरामनामहिंप्रीतनीवातनवि सहोमगाशेयजनसुरतमेरीतडीएम पोयनयन न्योती समप्रीनडीएमगाराए मालव विपसे संबमवरी एमगाशुगगन एविघटेगवें उरीपनगारिशासु पहराएमगाजतपविरासे क्रोघर घरे । एगापारनप.विनासे हेहने एमगर तिम विरह नसाडे स्नेहनाममा नराधन यडी डीरतिरहेगाणि विनय ऊरंतागु ए.लहानगाहाशशि दर्शन सायरसधे एमगाद्यम ठरतां लक्ष्मी वाणगास सन्न रहे मायारथीएमगानररागवधू शणगारथी एमगाणाहुवे धान्य यथावृ. ष्टिथडीएमगातिम प्रेमवघे दृष्टि यजीएम एमापीनवयन नारीवा नगानविले मितुभये हहे एमगाटा निशियारपो . - - Jain Edi cationa International For Personal and Private Use Only www.jabelibrary.org - -

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