Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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( १५. ) पितारखशेरे,हीयउंघ[हेजें हुसरोरे,भाहरो प्रेमतेतमशुंभलशेरावागापटाशपगार सल संपरशुरे, हुर्डनीयांथी नविडर रि, पूनमहिन पूराउरशुरावागाला ते । रस पेहेदानो गावोरे, तिथिअर्थ उरी घे. र मावोरे, शुलवीर वयनशुं मलावोवार | पढालमा भीरा सालबरेतुंसवनी भो री,रजनी डिहांरभीमाव्याछरेदेशी
रान पधारो मेरे मंघिर, शय्या पावनीछिरेप घसी तुभारी मरहउरेछे, नरलव साहो बीछे एरस लर रमीयलरेपार पूरव नेह निहावि रसलर रमीलाग्ने मांऊपी एशान उतांसाहमुंब्नेशं, तुम जाएा शिर घरशुलरेमेऽविस तुमन ने जगभतुं, अरब ओठन उरशुंपशा सत्मररमीये छापूराथूषिलर
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