Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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(११ ) तपोवनभोरीयोएशाहो पायाख्या रगाहोगामु पहोगा मंगविनानो पनर थानने हा होगाअंगुठे घुटीरे जंघा यरहे होगा ननूने साथवरे लगनाली
होगाजघने छाती रेशरोन्न घशाहो एउपायागाहोगा सुगा होगागवस्थलसोचनरे निवाडे शिरोए होगाविषधरर्नु विष व्याप्यु मणिमंत्रेहरेगहोगा विषयाशी उसे भुलाया गती पहोगालाछसहेन्नया विए नहींगेछन्नंशुवी पाहोगाथापा होगासुगाहोना पीने वेसारे पीपीमावीभोहोलाशेगटीयो शराणार तोभुन बनें इसे पहोगाबप्पेयाने वाररे उिभपी जीपीण उरेगहोगापाजोरे, छेदीने पर
राघरे एप होगायागाहोणसुगाहोल रापीयुमाहरोहुपीपीनी पीयुपीयुहुंउशा
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