________________ वर्ष Jain Education International अंक 2 पृष्ठ / 32-33 my 6-7 लेख वैराग्यशतक सन् 1961 श्रमणों का युगधर्म वनस्पति विज्ञान वनस्पति की गतिशीलता क्या लोकप्रियता योग्यता की निशानी है सत्य और बापू आचार्य हेमचन्द्र और उसकी साहित्यिक मान्यताएँ सफलता के तीन तत्त्व जैन इतिहास लेखकों का आवाहन वचन-बोध वैदिक परम्परा शब्दों की शवपूजा न हो For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री अगरचन्द नाहटा डॉ० नवरत्न कपूर मुनिश्री नेमिचन्द्र जी श्री पं० बेचरदास दोशी श्री कोमलचन्द्र शास्त्री श्री कोमलचन्द्र शास्त्री श्री रामप्रवेश शास्त्री डॉ. देवेन्द्र कुमार डॉ० इन्द्रचन्द्र शास्त्री श्री कस्तूरमल बांठिया श्री भागचन्द्र जैन पं० बेचरदास दोशी मुनि श्री नथमल जी श्री रतन पहाड़ी श्री गोपीचन्द धारीवाल श्रीरंजन सूरिदेव श्रीमती शकुन्तला मोहन 12 12 12 12 12 123 12 ई० सन् 1960 1961 1961 1961 1961 1961 1961 1961 1961 2 <<<<<<wwwwwwwwww 8-9 / / 10-11 12-15 16-18 19-21 22-27 28-30 31-33 34-36 9-14 15-19 20-22 23-25 27-31 32-33 ठोकर 1961 1961 1961 1961 1961 1961 www.jainelibrary.org 124 12 4 12 4 12 4 12 4 अपरिग्रह अथवा अकर्मण्यता जनजागरण और जैन महिलायें महिलाओं की मर्यादा 1961