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श्रमण : अतीत के झरोखे में
२७९
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अंक
ई० सन् १९५५
पृष्ठ
१९८५ १९८४
१२-१५ १-३
___ ३०
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१९७९
३-१५
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१०-१२
१९९२
६७-६९
लेख भारतीय संस्कृति का दृष्टिकोण मंगल प्रकाश मेहता भगवान् महावीर : जीवन सम्बन्धी प्रमुख घटनाएँ शान्तरस : जैन काव्यों का प्रमुख रस मंगला सांड पातंजल तथा जैन योग : स्वरूप एवं प्रकार मंजुला भट्टाचार्या जैन दार्शनिक साहित्य में ईश्वरवाद की समालोचना मंजुला मेहता जैनधर्म की प्राचीनता और विशेषता धर्म एक आधार : स्वस्थ समाज रचना क्या भगवान् महावीर के विचारों से विश्वशांति संभव है ? भगवान् महावीर का तत्त्वज्ञान महावीर सम्बन्धी साहित्य त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में गणधरवाद त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में महावीर चरित त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में रसोद्भावना
१९७३ १९६६
१९८१
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८-१५ २८-३० १७-२२ ६३-६७ २७-३२ ११-१६ १६-२२ १५-२०
१९७४ १९७४ १९७७ १९७६ १९७७
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