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लेख
श्रमण भगवान् महावीर के चारित्रिक अलंकरण
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सच्ची सनाथता
संस्कृत दूत काव्यों के निर्माण में जैन कवियों का योगदान
रवीन्द्रनाथ मिश्र
कर्म का स्वरूप
जैन कर्म सिद्धान्त का उद्भव एवं विकास जैन कर्म सिद्धान्त का क्रमिक विकास
राकेश
यह मनमानी कब तक राजकमल चौधरी
बढ़ते कदम राजकुमार छाजेड़ स्वाध्याय : एक आत्म चिन्तन राजकुमार जैन
जैन विद्वानों के कुछ हिन्दी वैद्यक ग्रन्थ जैनाचार्यों द्वारा आयुर्वेद साहित्य में योगदान
श्रमण : अतीत के झरोखे में
वर्ष
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१९८४
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१९८५
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१९५२
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पृष्ठ
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२९१
१०-१२
१-१५
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१९-२६
१६-२१
३१-३३
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१५-२४
७८-८६