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ई० सन् १९६४ १९५८
पृष्ठ १५-२७ ३७-४०
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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख साहित्य और साहित्यिक स्त्री जागृति और समन्वय की साधना विपिन जारोली जैन दिवाकर मुनि श्री चौथमल जी म०
३७ विमलचन्द शुक्ल
शम्बूक आख्यान (जैन तथा जैनेतर सामाग्री का तुलनात्मक अध्ययन) विमल जैन भगवान् महावीर और नारी जाति विमल जैन 'अंशु' स्वामी श्री मदनलाल जी विमलदास कोंदिया जैनधर्म का वैशिष्ट्य महावीर महान् थे विमलदास जैन जैनत्व या जैन चेतना तर्क का क्षेत्र पर्युषण पर्व पार्श्वनाथ विद्याश्रम
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