Book Title: Sramana 1998 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 326
________________ ३२० श्रमण : अतीत के झरोखे में अंक ई० सन् पृष्ठ Jain Education International ११ १९५५ ३-१२ १९५९ १९५५ ११-१६ ३१-३३ For Private & Personal Use Only लेख स्वामी सत्यभक्तजी प्रतिक्रमण सत्यदेव विद्यालंकार इतिहास बोलता है जीवन की अंतिम साधना (कु०)सत्यवती जैन विजय नारी का स्थान घर है या बाहर? सत्य सुमन शांति की बुनियाद ६ स्वामी सत्यस्वरूप जी स्वामी केशवानन्द सनत्कुमार रंगाटिया अज्ञात कविकृत शीलसंधि अभयकुमार श्रेणिकरास १९५० १९५४ ३५-३८ ३५ १९५९ ५७-५८ १९५१ २६-३१ www.jainelibrary.org १९६९ १९६८ १९६८ १९६८ १९८१ २१-२६ २५-३० २२-२८ १६-२० ६२-६९ पेथड़रास के कर्ता कौन ? मुनि श्री देशपाल : जीवन और कृतित्व

Loading...

Page Navigation
1 ... 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370