Book Title: Sramana 1998 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 359
________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में जैन-जगत प्रधानमंत्री द्वारा समवसरण रथ का प्रवर्तन नई दिल्ली ९ अप्रैल : महावीर जयन्ती पर परमपूज्या गणिनी प्रमुख श्रा ज्ञानमती माता जी से शुभ आशीर्वाद प्राप्त कर नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने भगवान् ऋषभदेव समवसरण श्री बिहार रथ का भारत भ्रमण हेतु प्रवर्तन किया । इस पुनीत अवसर पर आर्यिका चन्दनमती माता जी, क्षुल्लक श्री मोतीसागर जी महाराज तथा जैन समाज के प्रमुख व्यक्तियों ने अपने उद्गार व्यक्त किये । कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद श्री धनन्जय कुमार जैन ने की। डॉ० फूलचन्द जैन 'प्रेमी' सपत्नीक सम्मानित लखनऊ १८ मई : पार्श्वनाथ विद्यापीठ के पूर्व शोध छात्र एवं वर्तमान में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के श्रमण विद्या संकाय में जैन दर्शन विभाग के उपाचार्य एवं अध्यक्ष डॉ० फूलचन्द जैन 'प्रेमी' और उनकी विदुषी धर्मपत्नी डॉ० मुन्नी पुष्पा जैन को प्राकृत मूलाचार (संस्कृत आचार वृत्ति और भाषा वचनिका सहित प्रकाशित) नामक बृहद् ग्रन्थ के श्रेष्ठ सम्पादन कार्य पर उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ द्वारा आयोजित भव्य पुरस्कार वितरण समारोह में अनेक गणमान्य अतिथियों और विद्वानों के समक्ष राज्यपाल श्री सूरजभान ने ११ हजार रुपये की सम्मान राशि व प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मानित किया । पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार द्वारा डॉ० फूलचन्द जैन एवं डॉ० मुन्नी पुष्पा जैन को हार्दिक बधाई। अर्हत् वचन पुरस्कार (वर्ष ९-१९९७) की घोषणा इन्दौर १९ मई : कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा वर्ष ९-१९९७ के अर्हत् वचन पुरस्कार की घोषणा की गयी है जो इस प्रकार है । प्रथम पुरस्कार : The Existence of Soul and Modern Science. 9 (2). April 97,9-24, Dr. Parasmal Agrawal, Prof. of Physics, Vikram University, B220, Vivekanand Colony, Ujjain द्वितीय पुरस्कार : Eco-Rationality and jain karma Theory. 9 (3), July 97, 53-68, Mr. Krivov Serguei, Fellow Dr. H. Skolimowski, International Centre for Eco-philosophy, A-15, Paryavaran Complex, South of Saket, New Delhi-110030 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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