Book Title: Sramana 1998 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 362
________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में योगाभ्यास एवं एक्युप्रेशर चिकित्सा शिविर का आयोजन बड़ोदरा १५ अगस्त : अचलगच्छीय पूज्य मुनिश्री सर्वोदयसागरसूरि की निश्रा में बडोदरा में 'स्वयं स्वस्थ बनें' नामक एक दिवसीय चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इसमें उपस्थित लोगों को योगाभ्यास, लौह चुम्बक चिकित्सा एवं एक्यूप्रेशर सम्बन्धी जानकारी प्रदान की गयी। जयपुर में आचार्य श्री शुभमुनि जी का अविस्मरणीय वर्षावास जयपुर १७ अगस्तः आचार्य कल्प श्री शुभमुनि जी म० सा० ठाणा ३ और महासती श्री चेतनाजी ठाणा ६ बिना किसी पूर्व सूचना के आडम्बर रहित रूप में स्थानीय लाल भवन में चातुर्मास हेतु पधारे । जयपुर श्रीसंघ ने भी इस चातुर्मास को अविस्मरणीय बनाने हेतु सभी प्रकार के तप को आडम्बरविहीन बनाने का संकल्प लिया है जो निश्चय ही प्रसंशनीय है। शोक समाचार श्रीमती चम्पादेवी जैन का निधन ___ पार्श्वनाथ विद्यापीठ के पूर्व अध्यक्ष लाला अरिदमन जी जैन की धर्मपत्नी श्रीमती चम्पादेवी जैन का विगत ११ जुलाई को निधन हो गया । सश्राविका चम्पादेवी का जन्म स्यालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था । आपके पिता श्री स्वतंत्रता सेनानी थे । आपका विवाह सन् १९३५ में श्री अरिदमन जी के साथ हुआ था । आप अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गयी हैं। उनकी स्मृति में उनके परिवारवालों की ओर से पार्श्वनाथ विद्यापीठ को ११००/- रूपये दान स्वरूप भेंट किये गए । पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार श्रीमती चम्पादेवी को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है। साध्वी नानुकुंवर जी म० सा० का महाप्रयाण श्री हक्मगच्छीय साध्वीरत्ना श्री नानकुंवर जी का ६२ वर्ष की आयु में चित्तौड़गढ़ में दि० २४ जुलाई को अल्प अस्वस्थता के बाद अचानक संलेखना संथारा के साथ निधन हो गया। महासती नानुकुंवर जी ने अपने ५६ वर्षों के दीर्घ दीक्षा काल में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश आदि प्रदेशों के विभिन्न क्षेत्रों में हजारों किलोमीटर की पदयात्रा कर जिन शासन की प्रभावना की है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से स्वर्गीय महासती जी को हार्दिक श्रद्धांजलि । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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