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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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__ ई० सन्
१९८७
पृष्ठ ९-१९
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लेख आत्म-अनात्म द्वन्द्वात्मिकी सच्चिदानन्द सात शत्रु सात मित्र सतीश कुमार अधूरा समाजवाद अन्न और संकट
अहिंसक शक्तियों का ऐक्य * जैन साधु की भिक्षा विधि
दया दान की मान्यता प्रणयी महावीर संसार की हिंसामय परिस्थिति और हम समन्वय आश्रम सर्वोदय और राजनीति साहित्य भवन के निर्माण का शुभारंभ (कु०)सत्य जैन श्रमण (कु०) सत्यभामा यशस्तिलकचम्पू और जैन धर्म
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