Book Title: Sramana 1998 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 346
________________ ३४० श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख Jain Education International अंक ६ ई० सन् १९५३ पृष्ठ २८-३३ १९८३ २-५ हमारी यात्रा के कुछ संस्मरण हर्षचन्द जैनत्व का गौरव और हम हरिशंकर पाण्डेय भक्तामरस्तोत्र : एक अध्ययन हरिशंकर वर्मा महावीर का मंगल उपदेश हरिहर सिंह कुंम्भारिया का महावीर मन्दिर कुंभारिया के जैन अभिलेखों का सांस्कृतिक अध्ययन ७-९ १९९५ ७-९ १९६२ ४९-५० For Private & Personal Use Only १९७४ १९७७ १९७७ १९७० १९७८ १९७३ १९७१ १९७७ जैन साहित्य में स्तूपनिर्माण की प्रथा तारंगा का अजितनाथ-मंदिर तीर्थंकर प्रतिमाओं का उद्भव और विकास तीर्थक्षेत्र शत्रुजय सोलंकी-काल के जैन मन्दिरों में जैनेतर चित्रण हरिओम सिंह जैन दर्शन और मार्क्सवाद, सत् का स्वरूप ४७-५२ ३०-३६ २५-३८ १६-२२ ३-१३ ४३-५२ १९-२५ ३०-३२ aur www.jainelibrary.org १९८१ १६-२०

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