Book Title: Sramana 1998 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 340
________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में Jain Education International लेख अंक ई० सन् पृष्ठ सुपार्श्वकुमार जैन भरतेश वैभव में प्रतिपादित सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था ३-८ १९७५ १९७५ ३-८ For Private & Personal Use Only सुबोधकुमार जैन ' उड़ीसी नृत्य और जैन सम्राट खारवेल गजेटियर ऑफ इंडिया में जैनी और जैनधर्म धर्म का मर्म प्रयाग-एक महान जैन क्षेत्र प्रवृत्तिमार्ग और निवृत्तिमार्ग हेल्मुथ फोन ग्लासनप और जैनधर्म पुरुष और नारी साधु शिक्षक बनें सुभाष कोठारी उपासकदशांगसूत्र का आलोचनात्मक अध्ययन जैन श्रमण साधना: एक परिचय सुभाषचन्द जैन जैनधर्म में शुभ और अशुभ की अवधारणा १९७१ १९७० १९५३ १९७१ १९७० १९७० १९६० १९६१ २१-२२ २८-३५ २४-२९ १७-१९ ३४-३६ १३-१७ ३०-३१ ७०-७२ १९८६ __ १९९१ ८-१३ ३३-५० www.jainelibrary.org १९७९ २३-३२

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