Book Title: Sramana 1998 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 317
________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में Jain Education International ३११ पृष्ठ अंक १२ ७ १०-१२ ई० सन् १९६२ १९८५ १९९२ . ४-५ २-६ ४०-४१ For Private & Personal Use Only लेख जैन चेयर की आवश्यकता है मुलाकात महावीर से - मूक सेविका : विजयाबहन शरबती देवी जैन ग आत्म निरीक्षण काश : मैं अध्यापिका होती? भगवान् महावीर और अहिंसा पर्युषण : परिचय और व्याख्या के पर्युषण पर्व और आज की नारी शरदचन्द्र मुखर्जी है 'अगस्त' की ऐतिहासिकता शशिप्रभा जैन शांति के अग्रदूत-भगवान् महावीर शान्ताराम भालचन्द्र देव जैन संस्कृति और श्रमण परम्परा साहू शांतिप्रसाद जी जैन समाज के लिये नई दिशा 63 6 १९५५ १९५३ १९५६ १९६१ १९५६ २०-२३ २९-३२ ४०-४५ ९-११ ३४-३५ १९५४ ३०-३२ ४९-५२ 2 १९६३ १९९० २९-४० www.jainelibrary.org १९५६ ३-७

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