Book Title: Sramana 1998 04
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 319
________________ Jain Education International ई० सन् १९७८ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख कलचुरीकालीन जैन शिल्प-संपदा कलचुरीकालीन भगवान् शांतिनाथ की प्रतिमाएँ के कर्णाटक में जैन शिल्पकला का विकास कलचुरि नरेश और जैनधर्म कारीतलाई की जैन द्विमूर्तिका प्रतिमाएँ जैन कलातीर्थ : खजुराहो जैन वास्तुकला : संक्षिप्त विवेचन जैन सरस्वती हंसवाहना या मयूरवाहना के तीर्थंकर-प्रतिमाओं की विशेषताएँ धुबेला संग्रहालय की अद्वितीय जैन प्रतिमाएं भारत में प्राचीन जैन गुफाएँ भारतीय पुरातत्त्व तथा कला में भगवान् महावीर राजस्थान में मध्ययुगीन जैन प्रतिमाएँ विदिशा से प्राप्त जैन प्रतिमाएँ और रामगुप्त की ऐतिहासिकता शुंग-कुषाणकालीन जैन शिल्पकला शिवनाथ रवीन्द्रनाथ के शिक्षा सिद्धान्त और विश्वभारती # - 229 Mr. For Private & Personal Use Only १९७२ १९७६ १९७४ १९७५ १९७४ १९७६ १९७५ १९७४ १९७४ १९७६ १९७५ १९७७ १९७४ ३१३ पृष्ठ २३-३२ १४-१५ १४-१८ १९-२२ १५-१९ २२-२७ १६-२१ १८-२० २४-२६ २४-२७ १५-२२ ३८-४६ २०-२४ १८-२३ २२-२५ Marur v2 . १९७६ www.jainelibrary.org १९५६ ३-७

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