________________
श्रमण : अतीत के झरोखे में
Jain Education International
B... . .
ई० सन् १९५२ १९५२ १९५३ १९५३ १९५१ १९५१ १९५१ १९५५ १९५१ १९५१
6 dao m al and Ka Kala
पृष्ठ २५-२९ ३-८ ८-१२ १०-१५ ९-१४ १२-२४ ९-१४ २४-३४ २८-३० १२-१३
For Private & Personal Use Only
परिग्रह मीमांसा महावीर का संदेश यह धर्म प्राण देश है
शीलव्रत ग्रहण o आचार्य रजनीश
धर्म और विज्ञान रज्जन कुमार /सुनीता कुमारी जैनधर्म में मानव
. . . .
१९६६
१८-२१
१९९०
१०
www.jainelibrary.org
रज्जन कुमार जैनधर्म में समाधिमरण की अवधारणा ज्ञानीजनों का मरण : भक्तप्रत्याख्यानमरण
१९८८ १९८७
३-८ १४-१९