________________
श्रमण : अतीत के झरोखे में
Jain Education International
ई० सन् १९५७ १९६० १९५६ १९५६ १९७० १९६९
१७५ पृष्ठ ३३-३४ ।। १२ १८-२० ४-७ २०-२८ १८-२५
16 w w or arra xox
लेख भगवान् महावीर की दिव्य देशना भगवान् महावीर की देन भोजन और उसका समय वाग्भट्टालंकार वाग्भट्टालंकार वीरनन्दी और उनका चन्द्रप्रभचरित पं० अम्बालाल प्रेमचन्द शाह लब्धिफल लब्धियाँ जैनरत्नशास्त्र अम्बाशंकर नागर श्री किशनदासकृत 'उपदेशबावनी' अमिताभ पार्श्वनाथ के दो पट्टधर अम्बिकादत्त शर्मा जैन तत्त्वविद्या में 'पुद्गल' की अवधारणा जैन दर्शन में जन्म और मृत्यु की प्रक्रिया
For Private & Personal Use Only
9 22222
१९६६ १९६५ १९७०
२९-३९ ७३-८४ २९-३२
११
१९६०
२८-३२
२
१९६०
२०-२१
ara
www.jainelibrary.org
१९८७ १९८७
६-१५ २-९