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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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२७-२८ १७-२३ ४-८ २२-२४
लेख भोले नहीं भले बनिये महामानव महावीर का जीवन प्रदेय वर्तमान सन्दर्भ और भगवान् महावीर की अहिंसा सम्राट और साम्राज्य सामायिक और ध्यान सुख का सागर हिन्दी जैन कवि छत्रपति : व्यक्तित्व तथा कृतित्व भदन्त आनन्द कौसल्यायन भगवान् बुद्ध आचार्य आनन्द ऋषि आत्म बोध का क्षण आत्म सुख सभी सुखों का राजा कीर्ति के शत्रु, क्रोध और कुशील दुःख का जनक लोभ दुर्बल को सताना क्षत्रिय धर्म नहीं महापर्व पर्युषण का पावन सन्देश : अपने आप को परखें सदाचार का महत्त्व
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