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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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लेख
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ई० सन् १९७३ १९७४ १९६० १९७७ १९७७ १९५६
पृष्ठ । २१-२४ ५७-६२ ४५-४७ ९-१४ १३-२२ १३-१७
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महावीर और उनकी देशना
महावीरोपदिष्ट परिग्रह परिमाण व्रत ॐ मातृ-वत्सल महावीर विपाकसूत्र के आख्यान : एक विहंगावलोकन श्रमरस का स्रोत : श्रावक हमें सामाजिक मूल्यों को बदलना है भिक्षु जगदीश काश्यप भिक्षुसंघ और समाज सेवा g लोक कल्याण के लिए श्रमण संस्कृति कू जगदीशचन्द्र जैन अनेकान्त : अहिंसा अनेकांत : अहिंसा का व्यापक रूप प्रागैतिहासिक भारत में सामाजिक मूल्य एवं परम्पराएँ महावीर निर्वाण भूमि पावा : एक समीक्षा इपिण्ड नियुक्ति जगदीश सहाय नैतिकता का आधार
१९४९ १९४९
१३-१६ १९-२१
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७-८ १०-१२ १०-१२ ९
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