________________
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
२७२
लेख
दक्षिण भारतीय शिल्प में महावीर
मूर्त अंकनों में तीर्थंकर महावीर के जीवन-दृश्य शिल्प में गोम्मटेश्वर बाहुबलि मिश्रीलाल जैन
उत्तराध्ययनसूत्र समणसुतं
समयसार
मीना भारती
अपभ्रंश का विकास कार्य तथा जैन साहित्यकारों की देन
मीनाक्षी
शर्मा
आचार्य सोमदेव का व्यक्तित्व तथा कर्तृत्व
मुन्नी जैन
अणगार वन्दना बत्तीसी
पंचेन्द्रिय संवाद : एक आध्यात्मिक रूपक काव्य मृगावती श्रीजी एवं साध्वी श्री सुब्रता श्री जी सदा जाग्रत नरवीर मृगेन्द्रमुनिजी 'वैनतेय" अपरिग्रहवाद का यह उपहास क्यों ?
श्रमण : अतीत के झरोखे में
वर्ष
२२
२७
३२
३५
३५
३५
२३
३७
४८
४८
३२
१०
अंक
our m
६
5 5 5
५
८
४
१-३
७-९
५
१२
ई० सन्
१९७०
१९७६
१९८२
१९८४
१९८४
१९८४
१९७२
१९८६
१९९७
१९९७
१९८२
१९५९
पृष्ठ
१२-१७
२१-२५
१०-२०
२-२६
२७-४१
४२-५९
२९-३४
३-८
६०-७०
५१-६७
३६
८-१०