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लेख
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विगत हजार वर्ष के जैन इतिहास का सिंहावलोकन क्रमशः
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श्रमण और श्रमणोपासक श्रावक किसे कहा जाय श्रावक के
गुण एवं भेद-क्रमशः
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श्री जयभिक्खु के ग्रन्थों का हिन्दी अनुवाद श्री लालाभाई वीरचन्द देसाई 'जयभिक्खु ' शास्त्र वाचना की आज फिर आवश्यकता है। श्वेताम्बर जैनों के पूजाविधियों का इतिहास (क्रमशः )
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श्वेताम्बर - परम्परा में श्रावक के गुण और भेद
श्रमण : अतीत के झरोखे में
वर्ष
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अंक
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ई० सन्
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पृष्ठ
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३-१९
२५-२९
१०-२३
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