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लेख
अंक
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श्रमण : अतीत के झरोखे में
लेखक जैम और वैष्णव काव्य परम्परा में राम
श्री रामदयाल जैन महो० समयसुन्दर का एक संग्रहग्रंथ : गाथासहस्त्री श्री अगरचन्द नाहटा के प्राचीन जैन साहित्य में उत्सव महोत्सव डॉ० झिनकू यादव
विश्वेश्वरकृत श्रृंगारमंजरी सट्टक का अनुवाद (क्रमश:) डॉ० के० ऋषभ चन्द्र पउमचरिउ-परंपरा, संदर्भ और शिल्प
डॉ० देवेन्द्र कुमार जैन जैन तर्क शास्त्र में सन्निकर्ष प्रमाणवाद
श्री लालचन्द जैन जैन शिल्पकला और मथुरा
कु. सुधा जैन विश्वेश्वरकृत श्रृंगारमंजरी सट्टक का अनुवाद डॉ० के० ऋषभ चन्द्र गर्भापहरण -सम्बन्धी स्पष्टीकरण
श्री रतिलाल म० शाह भगवान् अरिष्टनेमि और कर्मयोगी कृष्ण श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री वर्ण विचार
श्री रमेशचन्द्र जैन जैन एवं न्याय दर्शन में कर्म सिद्धान्त
श्री प्रेमकुमार अग्रवाल षट्दर्शनसमुच्चय के लघुटीकाकार सोमतिलकसूरि श्री अगरचन्द नाहटा समराइच्चकहा में चार्वाक दर्शन
श्री झिनकू यादव विश्वेश्वरकृत श्रृंगारमंजरीसट्टक का अनुवाद (क्रमश:) डॉ० के० आर० चन्द्र प्रमाण स्वरूप विमर्श (क्रमश:)
डॉ० सुदर्शनलाल जैन राजगृह
श्री गणेश प्रसाद जैन
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ई० सन् पृष्ठ १९७२ - १९-२२ १९७२ २३-२८ १९७२
२९-३३ १९७२
३४-३८ १९७२ ३-७ १९७२ ८-१५ १९७२
१६-२९ १९७२ २०-२३ १९७२ २४-२७ १९७२
३-६ १९७२ ७-११ १९७२ १२-१९ १९७२ २०-२३ १९७२
२४-२७ १९७२
२८-३२ १९७२ ३-१५ १९७२ १६-२७
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