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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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अंक
६-७ . ९
ई० सन् १९६१ १९५६
पृष्ठ ५४-५३ ३-६ ।
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१९५९
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१७२ लेख ब्रह्मनिष्ठ महावीर जैन साहित्य में कलिङ्ग अमरचंद मित्तल गुप्तकाल में जैनधर्म उपाध्याय श्री अमरमुनि अधूरी जोड़ी अमरवाणी अमृत जीता, विष हारा आचार्य : एक मधुर शास्ता उदयन का पर्युषण श्रधेय वाचस्पति जी : एक पुण्य स्मृति क्रान्तिदर्शी महावीर जीवन की कला जीवन दर्शन जीवन-दृष्टि ढंढ़ण ऋषि की तितिक्षा त्याग का मूल्य
८ १९७९
१९५४ १० १९८२ १२ १९५७ ११ १९८० ११-१२ १९६३ ६ १९८२
१९५६ ६ १९८०
१९८२ १९८२ १९८०
२५-२९ १२-१६ ७-११ ३३-३८ २८-३८ ३-६ ७-९ । ८-१०
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