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लेख
भगवान् महावीर और नारी जाति रायपसेणियउपांग और उसका रचनाकाल सत्य के आवरण या मूर्छायें कर्म प्राभृत अथवा षट्खंडागमएक परिचय (क्रमश:) "डॉ० गोविन्द त्रिगुणायक का जैन दर्शन व संत कवि" सम्बन्धी वक्तव्य रायपसेणियउपांग और उसका रचनाकाल
अद्वेष दर्शन
अंगग्रन्थों का बाह्यरूप अण्डे खाना भी हिंसा ही है जैनधर्म की आचारसंहिता कर्मप्राभृत अथवा षट्खंडागमः एक परिचय (क्रमश:)
लवण एवं अंकुश की देवविजय
का भौगोलिक परिचय द्वीपसागर प्रज्ञप्ति
श्रमण : अतीत के झरोखे में
लेखक
श्री विमल जैन श्री कस्तूरमल बांठिया
डॉ० इन्द्रचन्द्र शास्त्री
डॉ० मोहनलाल मेहता
श्री अगरचन्द नाहटा श्री कस्तूरमल बांठिया काका कालेलकर
० बेचरदास दोशी
श्री शिवनारायण सक्सेना
श्री रिखबचंद 'लहरी'
डॉ० मोहनलाल मेहता
डॉ० ऋषभ चन्द्र
श्री अगरचन्द नाहटा
वर्ष
१५
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अंक
१२
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mr m
ई० सन्
१९६४
१९६४
१९६४
१९६४
पृष्ठ
३५-३७
३-११
१२-१९
१९६४
२०-२७
१९६४
२८-३६
१९६४
३-११
१९६४
१२-१४
१९६४ १५-२२
१९६४
२३-२५
१९६४
२६-२८
२९-३२
१९६५
३-१५
१९६५ १८-१९