________________ - ऊपर कही हुई समास्याकी पूर्तियें सुनकर राजा वगेरा सर्वने खुश होकर दोनो कन्याओंकी प्रशंसा की और उभय पण्डितोंको विपुल प्रीतिदान देकर बिदा किये, ये सब होजाने बाद स. मस्त सभासद अपने 2 स्थानपर गये-राज रानी और दोनो कुमारिकाओं सानन्द निवास करती हैं. अब इस प्रकरणको यहीं पर छोड़कर एक एसे विषयको दिखलाते हैं कि जिससे दोनो F कन्याओंका विवाहसम्बद्ध आजाय. - * कन्याध्यका विवाद कन्याशयका विवाह. . कुरुजंगल देशमें विपुल धन धान्यपूरिता संखपुरी नामकी एक नगरी थी, वहां पर उ. जयनी नगरीके महाराजका ताबेदार महिपाल राजा राज्य करता था, उसके रूपवान्, लक्ष्मीवान्, यशस्वी, सूरवीर, सदाचारकुशल तथा स्त्रीजनवल्लभादि गुणोसे सुशोभित अरिदमन Ac. Gunratnasuri M.S. ___Jun Gun Adradi