Book Title: Shraddhey Ke Prati
Author(s): Tulsi Acharya, Sagarmalmuni, Mahendramuni
Publisher: Atmaram and Sons

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Page 12
________________ १०५. १०७ १०६. १११ ११३ ११४ ७ भीखणजी स्वामी भारी मर्यादा वाधी सघ में ८ सावरा ही सावरा, स्वामीजी स्वामीजी ६ स्वामीजी रो भासन म्हाने घणो सुहावजी १० स्वामी भिखणजी ११ ॐ जय बालू गुरुदेव १२ भजिए निशदिन कालू गणिन्द १३ अहो । प्रभु कालू गणेश्वर आपरो नाम महागुणकार हो १४. रटो भवि स्वाम नाम नित मन में १५ छोगा सुत कालू हो गणिवर जग प्रतिपालू हो १६ शासन सेहरो, म्हारै मन मन्दिर वसियो १७ मात छोगा उर उपना कालू कलि अवतार, हो गुरुजी १८ मूल तनय की महिमा भारी स्वर्भूर्भुव प्रसारी १६ भाद्रवी छठ दिन भोर, सुणत शोर खग साथ रो ११८ १२० 7 . M

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