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प्रभु यह तेरापंथ सुप्यारा । बना रहे आदर्श हमारा ॥
सत्य अहिसामय जीवन हो, सत्य अहिंसामय जन-जन हो, विश्व-व्यापी हो सत्य अहिसा मुख-मुख मुखरित हो यह नारा । बना रहे आदर्श हमारा ॥१॥
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दान वहीं जहां पुष्ट अहिंसा, दया वही जहां नही हो हिंसा, दान दया का आडम्बर रच मत हो शोषण भ्रष्टाचारा ।
बना रहे आदर्श हमारा ॥२॥ संयम पोषण धर्म पिछाने, त्याग तपोबल को अपनाने, भोगों को कायरता माने यही बने जीवन की धारा। बना रहे आदर्श हमारा ॥३॥
वीतराग को देव बनाएं, जिन हो हरि, हर संज्ञा चाहे, आखिर अपना हित अपने से होगा समुचित साधन द्वारा।
बना रहे आदर्श हमारा ॥४॥ लय-अमर रहेगा धर्म हमारा
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[श्रद्धेय के प्रतिः