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मिला समुन्नत संघ संगठन यह श्रद्धा, ज्ञान, चरित्र त्रिवेणी वहै गौरवशाली सदा सुखी है, हम तेरी सन्तान । लो लाखों अभिनन्दन, ग्रात्म-विजय का दो वरदान || ६ ||
उज्ज्वल आचार, विमल जलधार,
वि० सं० २०१० चरम महोत्सव, जोधपुर (राज० )
[श्रद्धेय के प्रति