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सच्चा स्मारक यही और उपहार यही ग्रविकल्प हो । पूज्य दिखाएं पथ पर चलने मानव दृढ़ संकल्प हो । स्वयं सजग औरों का उद्बोधन अपना ग्राचार हो ||६||
तेरापंथ मिला यह संघ चतुष्टय का सौभाग है । चरण-चिह्न पर चलें कि हम सव, रग-रग में अनुराग है । भिक्षु चरमोत्सव कलकत्ता, संकुल वड़ाबाजार हो ||७||
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वि० सं० २०१६, चरम महोत्सव, कलकत्ता (बंगाल)
[श्रद्धेय के प्रति