Book Title: Shraddhey Ke Prati
Author(s): Tulsi Acharya, Sagarmalmuni, Mahendramuni
Publisher: Atmaram and Sons

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Page 88
________________ वर्म नाम मे शोपण करते, धर्म नाम से जो घर भरते, धर्म नाम मे लडते-भिडते, वे सब वर्म कलङ्क विचारा ॥५॥ प्रलयकार पवन भी वाजे, उठे तूफानो की आवाजे, पलटे सब जग रीति रीवाजे, पर इसका नव अटल सितारा ॥६॥ वर्म नाम पर डटे रहेगे, सत्य-शोध मे सटे रहेगे, सकट हो यदि सकल सहेगे, 'तुलमो' निश्चित है निस्तारा ॥७॥ पर्म [७५

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