Book Title: Shraddhey Ke Prati
Author(s): Tulsi Acharya, Sagarmalmuni, Mahendramuni
Publisher: Atmaram and Sons

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Page 52
________________ गुरु ] अद्भुत है सघ- सगठन, परस्पर प्रेम सघन धन, आगम-आधार, तेरे शासन मे मंगल - मंगल || ६ || जव तक नभ मे शशि भानु, 'तुलसी' तब तक मैं मानू, गण है गुलजार, तेरे शासन मे मंगल- मगल ||७|| वि० स० २००७ मर्यादा महोत्सव, भिवानी ( पंजाब ) | Te

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