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१६, गुरुदेव ! तुम्हारे चरणों मे ये शीश स्वयं झुक जाते हैं
२०. मिला ग्रमित प्रानन्द श्रात्मवल
२१. हम वह आदर्श दिखाएं
२२. कोटि-कोटि कण्ठों से गाएं जिनके गीत सुरम्य रे -२३. गुरुवर ! तुम्हारे जीवन से दिव्य ज्योति पाएं २४. श्री भिक्षु का जीवन दर्शन
२५. देव ! चढाएं श्रीचरणों में क्या ऐसा उपहार हो
२६. गुरुवर मर्यादा का आधार चाहिए
२७ गुरुवर ! कण-कण मे नव चिन्तन भर दो ! भर दो ! भर दो !
२८ मन सुमर-सुमर नित भिक्षु नाम
२६ मंगल ग्राज मनाए गाए जय-जय मंगल गान
३०. तेरापथ के सप्तम गणपति डालिम दिवस मनाएगे
धर्म
१. शान्ति निकेतन सत्य धर्म की जय हो जय
२. अमर रहेगा धर्म हमारा
३. जय जैनधर्म की ज्योति, जगमगती ही रहे
४. धर्म मे रम जाना
५. धर्म पर डट जाना
-६. जय-जय धर्म संघ अविचल हो
राजस्थानी विभाग
देव
९. प्रह सम परम पुरुष नै समरूं
२. ॐ जय-जय त्रिभुवन अभिनन्दन
३. श्री महावीर चरण में सादर श्रद्धा-सुमन सभाऊं मैं
गुरु
१. श्री भिक्षु स्वामी द्योनी मोहि भक्ति तुम्हारी
२. अयि जय भिक्षो दैपेय
३ मैं समरुं गुरु भिक्खन नाम
४. राग-द्वेष क्लेश रा कारण तारण तरण बतायाजी
५. भिक्षु भवि तारे तारे तारे, दीपां मात दुलारे ६. चरमोत्सव आज मनाओ
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