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समवायांग सूत्र
विद्धंसणाणं सुदिट्ठदीवभूय ईहामइबुद्धिवद्भणाणं छत्तीस सहस्समणूणयाणं वागरणाणं दंसणाओ सुयत्थबहुविहप्पगारा सीसहियत्था य गुणमहत्था । वियाहस्स णं परित्ता वायणा, संखेज्जा अणुओगदारा, संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, संखेज्जा वेढा, संखेज़ा सिलोगा, संखेज्जाओ णिज्जुत्तीओ। से णं अंगट्टयाए पंचमे अंगे, एगे सुयक्खंधे, एगे साइरेगे अज्झयणसए, दस उद्देसगसहस्साई, दस समुद्देसगसहस्साई, छत्तीसं वागरणसहस्साई, चउरासीइ पयसहस्साइं पयग्गेणं पण्णत्ताइं । संखेज्जाई अक्खराई, अनंता गंमा, अनंता पज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासया, कडा, णिबद्धा, णिकाइया, जिणपण्णत्ता भावा आघविज्जंति, पण्णविज्जंति, परूविज्जंति, दंसिजंति, णिदंसिज्जंति, उवदंसिज्जंति । से एवं आया, से एवं णाया, से एवं विण्णाया, एवं चरणकरणपरूवणया आघविज्जंति । से तं वियाहे ॥ ५ ॥
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कंठिन शब्दार्थ - णाणाविह सुर णरिंद रायरिसि विविह संसइय पुच्छियाणं अनेक देव, राजा, राजर्षियों द्वारा पूछे गये संशय युक्त प्रश्नों का, जिणेणं वित्थरेण भासियाणंभगवान् ने विस्तारपूर्वक उत्तर दिया, लोयालोयपयासियाणं - लोकालोक के स्वरूप को प्रकाशित करने वाले, संसार समुहरुंदउत्तरणसमत्थाणं विस्तृत संसार रूपी समुद्र को पार करवाने में समर्थ, सुरवरसंपूजियाणं - इन्द्रों द्वारा पूजित, भविय जणपय हिययाभिनंदियाणंभव्यजनों के चित्त को आनन्दित करने वाले, तम रयविद्धसणाणं - अज्ञान रूपी अंधकार को नष्ट करने वाले, सुदिट्ठदीवभूय ईहामइ बुद्धिवद्धणाणं- दीपक के समान पदार्थों को प्रकाशित करके बुद्धि को बढ़ाने वाले, सुयत्थ बहुविहप्पगारा अनेक प्रकार से श्रुतार्थ को प्रकाशित करने वाले, गुणमहत्था महान् गुणों से युक्त, सीसहियत्था - शिष्यों के लिए हितकारी ।
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भावार्थ - शिष्य प्रश्न करता है कि हे भगवन् ! व्याख्याप्रज्ञप्ति-भगवती सूत्र में क्या भाव कहे गये हैं ? गुरु महाराज फरमाते हैं कि भगवती सूत्र में स्वसमय - स्वसिद्धान्त, पर समय - परसिद्धान्त, स्वसमय परसमय, जीव, अजीव, जीवाजीव, लोक, अलोक, लोकालोक का वर्णन किया गया है। भगवती सूत्र में अनेक देव, राजा, राजर्षियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का श्रमण भगवान् महावीर स्वामी ने विस्तार पूर्वक उत्तर दिया है। द्रव्य, गुण, क्षेत्र, पर्याय, प्रदेश, परिणाम, यथास्तिभाव, यथातथ्यभाव, अनुगम, निक्षेप, नय, प्रमाण, सूक्ष्म उपक्रम आदि विविध प्रकार से प्रकाशित तथा लोकालोक के स्वरूप को प्रकाशित करने वाले विस्तृत संसार समुद्र
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