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बारह अंग सूत्र
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३. लिङ्गात्मक तालिका - ५१ साधकों में से ४१ पुरुष और १० स्त्रियाँ थी। ३९ साधकों में १६ पुरुष और २३ स्त्रियाँ थी। ९० महापुरुषों में से कुल ५७ पुरुष और ३३ स्त्रियाँ थी।
४. वंशात्मक तालिका - ५१ साधक यदुवंशी थे । श्रेणिक राजा की २३ महारानियाँ, १४ गाथापति, १ मालाकार (अर्जुनमाली), १ राजपुत्र (अतिमुक्तक कुमार)।
५. जीवनात्मक तालिका - गजसुकुमार और अतिमुक्तक कुमार बालब्रह्मचारी थे। छोटी उम्र में दीक्षा ली थी। ८८ साधक भोगों से निवृत्त होकर दीक्षित बने थे।
६. अध्ययनात्मक तालिका - (क) ९० महापुरुषों में से किसने कितना ज्ञान प्राप्त किया?
उत्तर - गजसुकुमाल और अर्जुन अनगार के ज्ञान पढ़ने का वर्णन नहीं आया है किन्तु आठ प्रवचन माता का ज्ञान तो था ही ऐसा जानना चाहिए ।
(ख) स्त्री साधक ३३ जीव हैं। कृष्ण वासुदेव की महारानियाँ (पद्मावती आदि) १० और श्रेणिक राजा की रानियाँ नन्दा आदि १३ और काली आदि १० इन ३३ स्त्री साधकों ने ११ अङ्ग का ज्ञान पड़ा था।
(ग) भगवान् अरिष्टनेमि के साधक गौतम कुमार आदि अठारह भाई तथा महावीर स्वामी के साधक मकाई अनगार आदि १५ इन ३३ साधकों ने ११ अङ्ग का ज्ञान पढ़ा था। ..
(घ) भगवान् अरिष्टनेमि के साधक अनीकसेन आदि १२ अनगारों ने १४ पूर्वो का ज्ञान पढ़ा था।
(ङ) जाली आदि १० अनगारों ने दृष्टिवाद तक १२ अङ्गों का ज्ञान पढ़ा था। कुल - २+३३+३३+१२+१०-९०
३३ महारुपुषों ने भिक्षु पडिमा अङ्गीकार की थी। १० पूर्वी से कम ज्ञान वाले इस पड़िमा को अङ्गीकार कर सकते हैं। ऊपर वाले नहीं ।
प्रश्न - स्थविर किसे कहते हैं?
उत्तर - तप संयम में लगे हुए साधुओं को परीषह उपसर्ग आने पर यदि वे संयम मार्ग से डिगते हों शिथिल बनते हों, तो उन्हें जो संयम में स्थिर करे, उन मुनि को 'स्थविर' कहते हैं। वे वयः, श्रुत और दीक्षा में बड़े होते हैं इस अपेक्षा से स्थविर के ३ भेद हैं - १. वयःस्थविर २. श्रुत-स्थविर और ३. दीक्षा स्थंविर ।
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