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वैमानिक देवों का वर्णन
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और तारा विमान को २००० देव चारों दिशाओं में सिंह, हाथी, घोड़ा और बैल का रूप धारण कर उठाते हैं। यह उनका जीताचार है एवं उनके रुचि का विषय है।
. नोट - जो लोग यह कहते हैं कि - वैज्ञानिक लोग चन्द्रमण्डल पर पहुँच गये हैं। किन्तु तारामण्डल तो अभी बहुत दूर है। यह उनका कथन इस आगम पाठ से मेल नहीं खाता है। क्योंकि यहाँ से ऊपर जाने वाले मनुष्यों को सबसे पहले तारामण्डल आयेगा। इसके बाद सूर्य मण्डल आयेगा। उससे ८० योजन ऊंचा जाने पर चन्द्रमण्डल आयेगा। जो तारामण्डल एवं सूर्य मण्डल तक नहीं पहुँचा वह व्यक्ति एकदम सीधा चन्द्र मण्डल पर कैसे पहुँच सकता है? ज्योतिषियों के सब विमान रत्नों के बने हुए हैं। इसलिये वहाँ से मिट्टी लाने की बात भी उचित नहीं लगती है। अनुमान ऐसा लगता है कि ये तथाकथित वैज्ञानिक किसी चमकीली पहाड़ी पर पहुँचे होंगे और वहाँ से मिट्टी भी लाई जा सकती है। दूसरी बात यह है कि - आगम की बात तो त्रिकाल नित्य, ध्रुव और सत्य है। वैज्ञानिकों की मान्यता तो उनकी खोज के अनुसार बदलती रहती है तथा सब वैज्ञानिकों का मत भी. एक नहीं है। आगमों का सिद्धान्त तो सदा सर्वदा एक ही है। सर्वज्ञों द्वारा कथित होने से सर्वथा सत्य है।
वैमानिक देवों का वर्णन केवइया णं भंते! वेमाणियावासा पण्णत्ता? गोयमा! इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिजाओ भूमिभागाओ उड्डूं चंदिम सूरिय गहगण णक्खत्त तारारूवाणं वीइवइत्ता बहूणि जोयणाणि बहूणि जोयणसयाणि बहूणि जोयणसहस्साणिं बहूणि जोयण सयसहस्साणि बहुइओ जोयणकोडीओ बहुइओ जोयणकोडाकोडीओ असंखेजाओ जोयणकोडाकोडीओ उड्ढे दूरे वीइवइत्ता एत्थ णं वेमाणियाणं देवाणं सोहम्मीसाण सणंकुमार माहिंद बंभ लंतग सुक्क सहस्सारआणय पाणय आरण अच्चुएसु गेवेजगमणुत्तरेसु य चउरासीइं विमाणावाससयसहस्सा सत्ताणउई च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवंतीतिमक्खाया। ते णं विमाणा अच्चिमालिप्पभा भासरासिवण्णाभा अरया णीरया णिम्मला वितिमिरा विसुद्धा सव्वरयणामया अच्छा सण्हा लण्हा घट्ठा मट्ठा णीरया, णिम्मला, णिप्पंका णिकंकडच्छाया सप्पभा सस्सिरीया सउज्जोया पासाईया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा।
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