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'गॉड इज' पढ़ सकता था लेकिन वह 'नोव्हेअर' नहीं पढ़ सकता था, वह बहुत बड़ा शब्द था। तो उसने उसे दो में तोड़ दिया। वह पढ़ता था. 'गॉड इज नाउ हिअर ।' और मैंने सुना है कि एक दिन पिता ने यह सुना और वह रूपांतरित हो गया। अचानक कुछ पिघलने लगा उसमें. वह' बच्चा एक संदेश ले
आया था।
तो इस शब्द को दो में तोड़ दो, बच्चे बन जाओ। जब मैं कहता हूं 'नोव्हेअर' तो कोशिश करो नाउ हिअर' सुनने की। या तो तुम कहीं से नहीं आते हो और या तुम हर घड़ी, हर क्षण, अभी और यहीं पैदा होते हो। क्षण-क्षण है जन्म क्षण-क्षण मरते हो तुम और तिरोहित होते हो, और क्षण-क्षण तुम फिर से जन्मते हो। तुम एक प्रक्रिया हो, एक बहाव हो, कोई वस्तु नहीं; वस्तु जन्मती है, और जब वह चुक जाती है तो मर जाती है नहीं, तुम कोई वस्तु नहीं हो तुम ठहरे हुए नहीं हो। तुम एक प्रक्रिया हो, नदी की भांति एक बहाव हो। हर क्षण तुम फिर-फिर नए हो रहे हो; हर क्षण तुम पुनरुज्जीवित हो रहे हो। हर क्षण तुम मरते हो, और हर क्षण तुम पुनरुज्जीवित होते हो।
यदि तुम वर्तमान क्षण के प्रति सजग हो जाओ तो तुम इस घटना के प्रति भी सजग हो जाओगे. कि हर क्षण तुम अंधेरे में विलीन हो जाते हो, तुम तिरोहित हो जाते हो, और फिर बाहर आ जाते हो नए होकर । हर क्षण घट रही है यह बात, लेकिन तुम सजग नहीं हो इसीलिए तुम चूक जाते हो। उस अंतराल को देखने के लिए बड़ी गहन सजगता चाहिए।
और तब तुम प्रश्न का दूसरा हिस्सा नहीं पूछोगे ... हमारा होना कैसे घटित है?'
....
हुआ
तुम सदा से हो यह होना ही है तुम्हारा अस्तित्व। तुम सदा से विकसित हो रहे हो, सदा-सदा से, कोई अंत नहीं है इसका। ऐसा मत सोचना कि कोई समय आएगा जब तुम संपूर्ण हो जाओगे
और कोई विकास नहीं होगा क्योंकि वह तो मृत्यु होगी। ऐसा कोई समय नहीं आता। व्यक्ति रूपांतरित होता रहता है-एक संपूर्णता से दूसरी संपूर्णता तक
जाओ हिमालय। तुम्हें एक शिखर दिखाई पड़ता है, और कोई शिखर दिखाई नहीं पड़ते। जब तुम उस शिखर पर पहुंचते हो तो अचानक दूसरे शिखर तुम्हें दिखाई पड़ते हैं। जब तुम उन शिखरों पर पहुंचते हो तो और कई शिखर तुम्हें दिखाई पड़ने लगते हैं। जितने ज्यादा विकसित होते हो तुम, उतना ज्यादा तुम देखते हो कि विकसित होने की और संभावना है जितना ज्यादा सृजन होता है तुम्हारा, उतने ज्यादा द्वार खुलते हैं तुम्हारे सृजन के नए परिदृश्य, नए मार्ग, नए आयाम ।
जीवन एक सतत गति की घटना है, एक सातत्य है। तुम ऐसे बिंदु पर कभी नहीं पहुंचते जब तुम कह सको, 'अब मैं पूर्ण हो गया।' और यदि तुम मांग करते हो ऐसी घड़ी की तो तुम मांग कर रहे हो आत्महत्या की। ऐसा कभी मत चाहना । बहाव के साथ बहे जाना। यदि तुम जुड़े रह सको बहाव से, प्रक्रिया से, तो वह बड़ी सुंदर बात है. बार-बार जन्म लेना, बार-बार नए होना । यदि तुम पूर्ण होना