Book Title: Nandanvan Kalpataru 2018 11 SrNo 41
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 9
________________ कथा संस्कारप्रपा सत्प्रेरणम् लघुकथाद्वयम् कस्य दोषः ? अवसरस्य मूल्यम् ध्यानम् को निर्भयः ? आत्मदीपको भव मुनिः अक्षयरत्नविजयः मुनिश्रुताङ्गचन्द्रविजयः मुनिनेमिहंसविजयः सा. हंसलेखाश्रीः सा. तत्त्वनन्दिताश्रीः सा. तत्त्वनन्दिताश्रीः सा. जयनन्दिताश्रीः सा. संवेगरसाश्रीः पत्रम् पू. आ. विजयलावण्यसूरयः मर्म नर्म कीर्तित्रयी प्राकृतविभागः प्राकृतव्याश्रयमहाकाव्यस्य संस्कृतानुसर्जनम् पाइयविन्नाणकहा पं. नरेन्द्रचन्द्र-झा आ. विजयकस्तूरसूरीश्वराः CO

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