Book Title: Munisuvratasvamicarita
Author(s): Chandrasuri, Rupendrakumar Pagariya, Yajneshwar S Shastri, R S Betai
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 280
________________ २४७ सिरिमुनिसुव्वय जिणिदचरियं चाउद्दिसि पि परिसंठिएहिं उच्चत्तवित्थरेहिं तु । मूलप्पासायाओ अद्धपमाणेहिं परिखित्तो ।।७९५४।। एए चिय पासाया पत्तेहिं चरहिं चउहिं अन्नेहिं । पासाएहिं तयद्धप्पमाणजुत्तेहि परिखित्ता ।।७९५५।। एवं सोलस एए पत्तेयं चउहि चउहिं अन्नेहिं । पासायवडेंसेहिं तयद्धमाणेहि परिखित्ता ॥७९५६।। एवं चउसट्ठि इमे पासाया उढ़डमुस्सओ एसि । बारसहियं सयं जोयणाण गाउयदुगब्भहियं ।।७९५७।। छप्पन्नजोयणाई विक्खंभो एगगाउयब्भहिओ। एवं मिलिया सव्वे पणसीती होति पासाया ।।७९५८।। पासाएसु इमेसुं सब्वेसु वि वन्नओ भणेयव्वो। उल्लोया तह सीहासणाइं परिवारसहियाई ।।७९५९।। पासायाणं सव्वेसिमुवरि अट्ठट्ट होंति मंगलगा। छत्ताइच्छत्तझयाइवन्नओ तेसु नायव्वो ॥७९६०।। मूलप्पासायस्स उ उत्तरपोरत्थिमे दिसीभाए। चिट्ठइ सहा सुहम्मा नामं जोयणसयायामा ।।७९६१।। विक्खंभम्मि सयद्धं बावत्तरि जोयणाई उस्सेहे । खंभसएहि अणेगेहिं सन्निविट्ठहिं सोहंती ॥७९६२।। वइरवरवेइयातोरणाइवरसालहंजियातीओ। विनेयो इह सव्वो वि वन्नओ जाव पडिरूवा ॥७९६३।। पुव्वुत्तरदाहिणओ तीसे दाराई तिन्नि नेयाई। उच्चत्ते सोलस जोयणाई विक्खंभओ अट्ट ॥७९६४।। तावइयं च पवेसे सेयाई कमलथूभियागाई। एमाई भणियव्वं वणमालावन्नओ जाव ॥७९६५।। एतेसिं दाराणं उवरिमभागम्मि होंति नायव्वा । अट्ठट्ट य मंगलगा झया य छत्ताइ छत्ता य ॥७९६६।। तेसि दाराण पुरो नेओ मुहमंडवो य एगेगो। जोयणसयमायामे विक्खंभे जोयणसयद्धं ॥७९६७।। सोलस य जोयणाइं उच्चत्ते होंति साइरेगाई। तेसि सुहम्मसहाए जह नेओ वन्नओ सव्वो ॥७९६८।। पुव्वुत्तरदाहिणओ तेसि मुहमंडवाण दाराइं । विक्खंभायामपवेसमाणमेसि पि तं चेव ।।७९६९।। पत्तेयं पत्तेयं तेसि मुहमंडवाण पुरओ उ । पेच्छाघरमंडवया मुहमंडवसरिसवत्तव्वा ॥७९७०।। पेच्छाघराण तेसि मज्झे अक्खाडगो य एक्केक्को । सव्ववइरामया ते तेसिं बहुमज्झभायम्मि ॥७९७१।। मणिपेढी एक्केक्का विक्खंभायामओ य एयाओ । अट्ठजोयणाई चत्तारि उ होंति उच्चत्ते ।।७९७२।। तासि मणिपेढीणं उवरि सीहासणाई पत्तेयं । तेसिं च सपरिवाराण वन्नओ एत्थ भणियव्वो ॥७९७३।। तेसिं पेच्छाघरमंडवाण पुरओ य होंति पत्तेयं । मणिपेढियाओ जोयण सोलस आयामविक्खंभे ॥७९७४।। उच्चत्ते अट्ठ य जोयणाई तासिं च उवरि पत्तेयं । एक्केको थूभो जोयणाई सोलस य आयामे ॥७९७५।। तह विक्खंभे उच्चत्तणे उ ताई पि साइरेगाइं । सव्वरयणामया ते थूभा कुंदिंदुसमवन्ना ॥७९७६।। अच्छा जा पडिरूवा तेसिं थूभाण उवरिभायम्मि। अट्ठ य मंगलगा झया य छत्ताइ छत्ता य ।।७९७७।। तेसिं थूभाणं चउदिसि पि मणिपेढियाओ पत्तेयं । अद्वैव जोयणाई विक्खंभायामओ होति ।।७९७८॥ ताणुवरि पेढियाण जिणपडिमाओ हवंति चत्तारि । संपलियंकनिसन्नाओ जिणवरुस्सेहमाणाओ ॥७९७९।। थूभाण अभिमुहीओ इमेहिं नामेहि होंति नेयाओ। उसभाय (इ? ) वढ्डमाणा चंदाणणवारिसेणा य ।।७९८०। थूभाण तेसि पुरओ मणिपेढीओ हवंति पत्तेयं । सोलस य जोयणाई विक्खंभे तह य आयामे ।।७९८१।। अट्ठव जोयणाई उच्चत्तेणं तु होति नेयाओ। तासि च पेढियाणं चेइयरुक्खा हवंतुवरि ॥७९८२॥ उच्चत्तेण? उ जोयणाई दो गाउयाइं उव्वेहो । दो जोयणाई खंधो विक्खंभो जोयणस्सद्धं ।।७९८३।। छज्जोयणाई विडिमा तस्स य बहुमज्झदेसभागम्मि। अट्ठव जोयणाई विक्खंभायामओ होति ।।७९८४॥ सव्वमेणं पुण जोयणाई अट्ठव साइरेगाई। तेसिं चेइयरुक्खाणं (च ?) वन्नओ एस विन्नेओ ।।७९८५।। वइरामया य मूला कंदारिट्टामया य अतिविउला । वेरुलियमया खंधा विडिमा पुण होंति रययमया ॥७९८६।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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