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लघुविद्यानुवाद
विधि -इस मन्त्र को पढता जावे और नीम को डालो से झाडा दे तो विच्छू का जहर नष्ट
होता है। मन्त्र :-ॐ पद्म महापद्म अग्निं विध्यापय विध्यापय स्वाहा ।
(अग्नि स्तम्भन मन्त्र) ____ॐ नमो भगवते पार्श्वचद्राय गोरी गंधारी सवं संकरी स्वाहाः । विधि -(मुखाभि मत्रेण १०८ बार अदियता) । मन्त्र :-ॐ ह्रमम सर्व दुष्टजनं वशी कुरु कुरु स्वाहा ।
(समरंड मरंमारि रोग सोगं उवछवं सयलं घोरं चोरं पसमेउ सुविहि संघस्स
संति जणो वार २१ शांतये स्मरणीया) विधि -युद्ध मे मरने के समय मे अथवा रोग, शोक, उपद्रव सकल घोर, चोरो के पास मे
पहुँच जाने पर अथवा चतुर्विध सघ की शाति के लिये शात चित्त से २१ वार स्मरण
करना चाहिये। मन्त्र -ॐ ए हु सुउग्रइ सुरोए जिन्मति तिमिर संघायां प्रगलिए वयरणा सुद्धाए
गंतरमापुरणो एहि हुं फुट् स्वाहा । (एकान्तर ज्वर विद्या) विधि :-इस मन्त्र से एकान्तर ज्वर वाले को झाडा देने से ज्वर दूर हो जाता है। मन्त्र :-ॐ ह्रीं प्रत्यंगिरे महाविद्य येनकेन चिन्ममोपरि पापं चितितं कृत कारितं
अनुमतं वातत्पापं तस्यवै मस्त के निपत्तउ मम शांति कुरु कुरु पुष्टिं कुरु शरीर रक्षां कुरु कुरु ह्रीं प्रत्यंगिरे स्वाहा । ॐ नमो कृष्णस्य मातंगस्य
चिरि अहि अहि अहिरिण स्वाहा । (अंगुल्यागृह्यते भूतं नाश्यति) विधि -(इस मन्त्र की विधि उपलब्ध नहीं हो सकी है।) मन्त्र :-ॐ चलमाउ एया चिटि चिटि स्वाहा । (कलवारिण मन्त्र) विधि .इस मन्त्र की विधि उपलब्ध नहीं हो सकी है। मन्त्र :-ॐ विमिचि भस्मकरी स्वाहा । (विशुचिका मन्त्र) विधि -(इस मन्त्र से खुजली दूर होती है।) मन्त्र :-ॐ चंद्रमीलि सुर्यमिलि कुरु कुरु स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से झाडा अथवा पानी मन्त्रित कर देता जावे तो दृष्टि दोष दूर होता है। मन्त्र .-ॐ नमो धम्मस्त नमो संतिस्स नमो अजियस्स इलि मिलि स्वाहा ।
(श्रव श्रुति मन्त्र)