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विधि --वार ७ या २१ मन्त्रित पान खाने से सर्वलोक देखकर प्रसन्न होय ।
मन्त्र :- ॐ नमो हन हन दह दह पच पच मथ मथ श्रमुकं मे वश्य मानय मानय कुरु कुरु स्वाहा ।
विधि :- इस मन्त्र से सूर्योदय के समय पानी को १०८ बार मन्त्रित करके पीने से वश्य होता है ।
लघुविद्यानुवाद
मन्त्र — ॐ नमो हनुमह ने वसी करण श्री सुरज तारा नाम मुख परवालुमारू मोहे सारूगांम ॐ ह्रीं नमो स्वाहा ।
विधि
- १०८ बार पानी मन्त्रित करके मुह का प्रक्षालन करे तो सर्व वश्य होय ।
मन्त्र :- ॐ नमो आदेश गुरू कू काला भैरू कपिली जटा भैरू फिरे चारों दिशा कह भैरू तेरा कैसा भेष काने कुण्डल भगवा हाथ अंगीछी ने माथे ममडो मरे मशाने भैरू खड़ो जह जह पठ ॐ तह तह जाय हाथ भी जी खड़ खड़ खाय मेरा वैरी तैरा भख काढ कलेजा वेगा चख डाकिनी का चख शाकिनी का चख भूत का विगर चख्या रहे तो काली माता की सेज्या पर पाव घरे गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा |
मन्त्र :- ॐ माहेश्वरी नमः ।
विधि :- इस मन्त्र को बेर की लकडी चार अगुल की एक हजार बार मन्त्रित करके जिसके घर मे डाल देवे तो सर्व परिवार वश होय ।
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नोट
मन्त्र :- ॐ ह्री अमुकी मे प्रयछ ठं ठः ।
मन्त्र :- ॐ के कां कि कीं श्रमुकं हुं कु कू
कै को कौ कं कः ठः ठः ।
मन्त्र :- ॐ हूं खं खां हि वि खु खू खे खै खो खौ खं खः ठः ठः ।
मन्त्र :- ॐ क्षौ धं धांध धीं धुंधू धे धै धों धौ धं धः प्रमुकं ठः ठः ।
— जिन मन्त्रो की विधि नही है, उनकी विधि हमारे पास उपलब्ध नही है ।