________________
पन्त्र रचना --
इस यन्त्र की लाल पुष्पो से पूजा करे तो, मरिण वाले सर्प का भी क्षोभरण होता है, सावन करने वाले के हित के लिये चन्द्र सूर्य को भी विचलित करने वाली, शक्तिशाली हे देवी मेरी रक्षा करो ।। ११।।
" षट्कोणे" २५ श्लोक नं० १० विधि नं० ३
पट्टावता
लघुविद्यानुवाद
Ima
ठेवूही 32200 हीँ पद्मावती देवतां ॐ नित्ये ॐ किन्ने ॐ दु
फैल
ॐ रं रं रं
Keleb
हीँ ह्रीँ
ईश्वरी भयत्राता सकल सुख दायिनी /
रं हं उत्तर
सर्वलोक वशीकरण यन्त्र
काव्य नं० ११
12/2
Patha
पश्चिम
ॐ रं रं रं रं ॐ रं रं
४६७
पद्मावती देवता
षट् दल कमल कृत्वा प बीज मध्ये स्थापयेत षटक्षरे ह स क्लीक झा ही वो जाक्षरैन वेष्टयेत ग्रा को ह्री श्री पद्म े एतत् अक्षरेन षट् दल कमल मध्ये लिखेत । तदुपरि षोडश