Book Title: Laghu Vidyanuwada
Author(s): Lallulal Jain Godha
Publisher: Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur

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Page 670
________________ ६०६ ४ ७९ Y ७२ १ ८ लघुविद्यानुवाद यत्र न० १०१ ५ इस यन्त्र को भोजपत्र पर लिखकर घोड़े के गले मे बाधने से उसका पेट दर्द दूर होता है । पैशाब बन्द हो जाय, तो होने लगता है : सर्व कष्ट दूर हो जाता है ।। १०१ ।। ७३ ७ यत्र न० १०२ ३ ५ ७६ ३ ७४ IS ८ ७६ २ २ & ४ ७७ १ ७५ ७ इस यन्त्र को भोजपत्र पर लिखकर कमर मे बाधने से नपुंसक व्यक्ति की नपुंसकता दूर होती है ॥१०२॥

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