Book Title: Laghu Vidyanuwada
Author(s): Lallulal Jain Godha
Publisher: Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur

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Page 673
________________ लघुविद्यानुवाद चतुर्थ खंड ( पृष्ठ ६०६ से ६३२ तक) इस खण्ड में प्रत्येक तीर्थकर के काल में उत्पन्न शासन रक्षक - यक्ष यक्षरिण के चित्र सहित स्वरूप व होम विधान ४ २४ तीर्थकरों के यक्ष व यक्षरिण का नाम व स्वरूप ६०६ * श्रष्ठ मातृका स्वरूप वर्णन, अष्ट जयाद्या देवता स्वरूप ६१७ सोलह विद्या देवियो के नाम चतुःषष्टि योगिनियो के नाम ६१८ यक्ष अथवा यक्षिणियो की पचोपचारी पूजा का क्रम, होम विधि * अथ पीठिका मत्र ६२७ * अथ पूर्ण आहूति ६२८ * अथ पुन्याह वाचन * मत्र जप के बाद दशास होम करने के लायक होम कुण्डो का नक्शा ६१६ ی لم ک له ک لس یي

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