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इस यन्त्र को ताबे के पत्रे पर खुदवाकर प्रतिष्ठा करवा ले, फिर किसी भी प्रकार के ज्वर से आक्रान्त रोगी के सिरहाने गरम पानी मे डालकर यन्त्र रक्खे तो ताप ज्वर जाता है और ठंडे पानी मे डालकर सिरहाने रक्खे तो ताप ज्वर जाता है ।। ५५ ।।
इस लघु सिद्ध यन्त्र को ताबे के पत्रे पर खुदवाकर यन्त्र पर लिखा हुआ मन्त्र का सवा लक्ष जपकर एक यन्त्र भोजपत्र पर लिखकर पास मे रक्खे, दशास होम करे, तो सर्व कार्य सिद्ध होता है, सर्व रोग दूर होते है, सर्व प्रकार की पर विद्या का छेदन होता है । लक्ष्मी लाभ होता है । चितित सर्व कार्य सिद्ध होते है । यह यन्त्र मन्त्र चिंतामणि है । इसके प्रभाव से मोक्ष लाभ होता है ।। ५६ ।।