Book Title: Laghu Vidyanuwada
Author(s): Lallulal Jain Godha
Publisher: Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur

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Page 667
________________ रहता ||४|| २२ ७ होती है ॥५॥ २८ " = 11 लघुविद्यानुवाद 1111 यत्र न० ६४ २६ ६ २६ ६ यत्र न० ६५ b इस यन्त्र को अनार के रस से लिखकर कान मे बाध देने से, कान मे दर्द नहीं 1111 १६ 1111 ह לי २४ = 11 III ८ - २५ १ २१ 三 III III = 1111 ६०३ 111 इस यन्त्र को आम के वृक्ष के नीचे बैठकर सवा लक्ष लिखने से अम्बिका देवी प्रस

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