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द्व्यू दुल्ब्यू क्रो ज्वाला मालिनी देवी नम
क्रो
ददा दिदी दुदे दै दो दो दद द्र द्रौ द्रौ द्रः दुष्टान वारय वारय स्वाहा श्री नम
राजद्वार मे जाते समय मन्त्र को तीन बार पढकर मुख पर हाथ फेरे, राज सभा वश होती है । खाने की वस्तु को २१ बार मन्त्रीत कर जिसको खिलावे वह वश होता है । पिछली पहर को गुग्गुल खेय कर मन्त्र १०८ बार पढकर मुख पर हाथ फेरे तो वाद-विवाद झगडे, आदिक मे वचन ऊचे रहे, याने सब उसको ही बात माने । पले गुग्गुल प्रादिक को १०८ बार मन्त्रीत कर होम करना, फिर रोगी को झाडा देना तो भूत प्रेत सपदि दोष सर्व जाते रहते है । विशेष विधि घटा कर्ण कल्प मे देखे ।
ज्वाला मालिनी यन्त्र ५८
म्यू
म्य
म्यू क्रो
क्रो क्रो ज्वाला मालिनी देवी नम ममा मिभी भुभू भेभै भोभौ भम सर्व जन वश्य दुष्ट जन वश्य कुरु कुरु स्वाहा श्री नम
2
टम्ल्ब्यू
टम्ल्थ्य क्रो ज्वाला मालिनी देवी नम यया यियी युयू ये योयौ यय सवं जन वश्य दुष्ट जन वश्य कुरु कुरु स्वाहा श्री नम
म्यू
क्रो क्रो क्रो ज्वाला मालिनी देवी नम
खो खो खो खौ ख. दुष्ट जनान् वश्य जट नम नाग्री भजय २ स्वाहा कुरुभ्य नम
लघुविद्यानुवाद
व्य हम्ल्ब्यूहम्ल्व्यू क्रो क्रो क्रो ज्वालामालिनी देवी नम ह ह ही हु ह्री ही ह ह वश्य कुरु कुरु फट् स्वाहा
है हो हौ ह ह सर्व दुष्ट जीवान्
यू क्रो
मम्व्यू क्रो
क्रो ज्वाला मालिनी देवी नम
ममा मिमी मुम् मे मै मो मौ म म सर्वजन वश्य दुष्ट जन वश्य कुरु कुरु स्वाहा श्री नम
चम्व्य
हलव्य
व्य
क्रो क्रो क्रो घोघ्र घं घ्र दुन घ्रो त्र शशष्टान् त्रय २ य य न न श्री घोरा क्षेयम सुरम्य नम
स्वाहा
चम्य
म्यू को क्रो क्रो ज्वाला मालिनी देवी नम चाची चोच चं चो दुष्टान् कृ जतानान् मय २ छेदय २ ॐ ह्री फुट् स्वाहा श्री नम
क्ष्म्ल्यू
को क्रो क्रो ज्वाला मालिनी देवी नम
क्ष्म्ल्व्यू क्ष्म्ल्यू
क्षक्षा क्षिक्षी क्षुक्षू क्षेक्ष क्षोक्षी क्षक्ष सर्वजन वश्य दुष्ट जन वश्य
कुरु कुरु स्वाहा
उम्ल्यू.
जम्ल्व्यू,
क्रो
क्रो क्रो ज्वालामालिनी देवी नम जजा जिजी जुजू जेजै जोजो जज सर्व जन वश्य कुरु कुरु स्वाहा श्री नम.
क्यू -
क्रो
क्रो
ज्वाला मालिनी देवी नम
क्रा की क्र क्रं क्रो क्र दुष्टा
घ भन् २ पर्यं बन्ध पराण नीट ॐ फट् स्वाहा
2
वल्व्य
म्यू
फ्रो
चम्ल्व्य
क्रो
क्रो
ज्वाला मालिनी देवी नम वाव्रव्रव्रोव्रव्र दुष्टा नानि वदना विश्व वर रम कय कार फुट् २ स्वाहा श्री नम