Book Title: Laghu Vidyanuwada
Author(s): Lallulal Jain Godha
Publisher: Kunthu Vijay Granthamala Samiti Jaipur
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लघुविद्यानुवाद
५८९
यन्त्र न०६८
अधिमउलयनन
१७
हासोमाय स्वाहा
आक्रोही इन्द्राय स्वाहा
FAS
ॐहाहि हु हु हे हैं हौद असिभाउमा पम्यादर्शनहानचारिीयो हीतम
श्री श्रीया कीडीहर्ष
सीढलिप्रियाहीश्री मन्ना शुभ प्रया
-3031आओ हीअग्नेयस्वाहा
प्रयन्तु प्रयच्छत
शानावस्माहा
धोकानीसन्मानजी प्रयच्छन्तु शुभ
प्रयन्त
/
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तु व्य तरैन्द्रा हो यो मा रक्षतु मा
मोगमहानगाडीमा
प्रय लाभ प्रय|
अभी
.
होकलासन्मादीका
हिप्राप्नेभ्यो
मम
प्रवचन
जी
Tरोध होकर विभाहा न
म्यानमार
दभ्यो नम ॐ
हाला
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/
जी संपदा विभाग
सम्यकचारिज
सरावसहरकन्यूज
प्राप्तभ्यो नमः
नाममुनिसुहा ध्या नम
द्वन्प्र
सभ पुष्पदनाम
मायाधिमा असर
प्रय प्रयच्छन्न प्रल सही गौरी रूपॐARI
RECEPICS
नाभानमा
मोतिष्येन्द्रा उहाकल्ये
पद्मप्रभवासुपुज्याभ्यास
भी पण प्रय र प्रय
भ्यो नम 47 रक्षत
सरसहि प्राप्त
मा
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भिनन्दनममति शीतल
माया
सुमारने पारवनाचा भ्या
आकाहीजेयस्वाहा
A
19वमान
य-बन्द्र पन्त | प्रताप विया ।
चडि काहीस,
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हामूर
निदमालिनी
दृष्टिभ्यो नमाजी
वधिभ्योलम
विर मल्लि भ्यी
प्रयन्तु प्रयच्छतु।
म
मो नम
श्रुता ही
यो नम
हासरस्वती महीलाय
होमानदा सही
प्रय प्रधान
बमान योनम
ताधि ध्यानमा
अनन्तबलम
अभ्यो नम त
PREFINYURVERS
प्रानेभ्यो
सर्वसाधून
आरोग्य याठिधमाज
कामाल 3gकामा
तुप्रयन्त प्रय
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भाको डीवायुदेवाय स्वाहा
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