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लघुविद्यानुवाद
इस यन्त्र को भोजपत्र पर अष्टगन्ध से लिखकर सोने के मादलिया मे डालकर, श्रथवा चादी के मादलिया मे डालकर पास रखे, फिर ११ सेर आटे की रोटी बना कर कुत्तो को खिलावे, गुरु
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के पांव पूजे तो राजा वश होय || ३६ ||
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ॐ ह्री श्री क्ली ऐ द्राय श्रासन वज्र डंड सही करि । निद्ध मुलं फुट् स्वाहा नमः । इद यन्न मन्न भोज पत्रे रवि दिन मे अष्टगन्ध से लिखकर पास तो स्वयं का दान होता है ||३७||