________________
५७२
लघुविद्यानुवाद
इस यन्त्र को नागरवेल के पत्ते पर आक के दूध मे अखरोट ३ पीसकर साथ मे राइ भी मिलावे, और यन्त्र इससे लिखकर दीप शिखा मे दिन तीन तक जलावे तो रम्भा भी वश में हो जाय तो अन्य की तो बात ही क्या
दृष्ट प्रत्यक्ष ||५०॥ यत्र न० ५१
२७०४५ हीँ १२२५ दुर्जनस्यमुखष्यभनं
कुरु स्वाहा
४५५त
इस यन्त्र को आक के पत्ते पर अष्टगन्ध से लिखकर ऊपर शिला, नीचे शिला, बीच मे यन्त्र रखना, तो शत्रु वश्य होता है ॥५१॥
यत्र न० ५२
इंजिल्स
अ
आ
곤고
४५५
ही जम्ल्यू
ह्रीं ह्रीं
नाम ॐ ॐ ॐ
सुजिल्याती
ही