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दहय-र
यन्त्र न० १३६
· शत्रू नाम मुनः
ज
प्रज्वल
लघुविद्यानुवाद
ज्वलज्वल
विधि - गुगल गोलो १०८ होमयेय रात्रु, नादाह । इस यन्त्र को मशान की ठीकरी वौ x नीयत दोय परि लिखत्वाऽग्नि मध्ये प्रज्वाल्य तदोपरिकुर्यात् ।। १३६ ।।
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१२
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४
देवदत्त
यन्त्र न १४०
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१३
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४
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८
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यत्र न० १४१
या यन्त्र रविदिन आक का दूध, सो ग्राम की लेखनी से लिखे । पानी ११ - घालिजे
ह्रीँहीँ
४ उड़द ६१ लीजै । हाडी मे जंत्र डाले, प्रौटावे । मुर्डे, मुदै डाकिनी आवै सही ।। १४१ ।।
१
यह यन्त्र रविवार के दिन लिख कर, माथे मे राखँ, तो मथवा जाये तथा यह यन्त्र पृथ्वी मे गाडे तो टिड्डी खेत को नही खावे ।। १४० ।।
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